इस्लाम में जातिवाद नहीं है، लेकिन मुसलमानो में तो है

इस्लाम में जातिवाद नहीं है، लेकिन मुसलमानो में तो है । 

इस्लाम में ब्याज नहीं है، लेकिन मुसलमानो में तो है । 

इस्लाम में शराब नहीं है، लेकिन मुसलमानो में तो है । 

इस्लाम में बर्थ डे पार्टी नही، लेकिन मुसलमानो में तो है ।

इस्लाम मे रस्मो रिवाज नही ،लेकिन मुसलमानो में तो है। 

इस्लाम मे बुग्ज हसद जलन नफरत घमंड नहीं लेकिन मुसलमानो में तो है। 

इस्लाम मे लालच झूठ मक्कारी फरेबी नहीं लेकिन मुसलमानो में तो है। 

इस्लाम मे ऊँच-नीच, छुआ छूत अमीरी गरीबी गोरा काला में फर्क नहीं लेकिन मुसलमानो में तो है। 

इस्लाम मे धोखेबाजी चालबाज़ी खुदगर्जी मतलबी नहीं लेकिन मुसलमानो में तो है। 

इस्लाम मे हरामकारी जिना कारी वहशी नही लेकिन मुसलमानो में तो है। 

इस्लाम मे एहसान फरामोशी वादा खिलाफी नही लेकिन मुसलमानो में तो है। 

इस्लाम मे रियाकारी तक़ब्बुर फैशनेबल नही लेकिन मुसलमानो में तो है।

इस्लाम में बाप की विरासत में बेटी का हिस्सा है , पति की विरासत में पत्नी का हिस्सा है लेकिन मुसलमानो में तो नहीं।  

कब तक इस्लाम की आड़ में अपने पाप छिपाते रहोगे ?? हक़ीक़त का सामना कीजिए , 

सिर्फ सुअर का गोश्त ना खाने के अलावा आप सारे वो काम कर रहे हो जो आपके मज़हब में मना है ।

जो हमारे इस्लाम मे नहीं है लेकिन मुसलमानो में तो है। 

आप अपने लिए ना सही उस रब और उसके रसूल के लिए तो अमल करो सही दीन और इस्लाम पे अमल कर के सच्चे पक्के मुसलमान ईमानदार बन कर सबूत दो कल हम सब को अपने करतूत को सबके सामने पेश करना होगा आज हम जिससे छुप छूपा कर गलती पर गलती कर रहे हैं और हम जरा सा भी डर खौफ नही होता 

आज हम मुसलमानों के वो हाल हो गए हैं कि घर में मैय्यत हो जाए तो जनाजे के नमाज के लिए गैरो को ढुंढते है 

जरा सोचो हम अपने माँ बाप के इंतेकाल के बाद उनके मगफेरत कि दुआ भी करने लायक नही है 

अल्लाह तआला हम तमाम लोगों को अल्लाह और उसके रसूल के मुताबिक चलने की तौफिक दे आमीन 🤲✍🏼

Post a Comment

أحدث أقدم

आपली भुमिका

...कारण आत्ताच्या काळात केंद्रातील, राज्यातील, महानगरपालिकेतील आणि आपल्या आजुबाजूच्या ग्रामपंचायतीतील सत्ताधारी पक्ष आणि विरोधीपक्ष यांची छुपी युती झालेली आपणांस दिसुन येत आहे. ते जनतेप्रती, जनहिताची कामे करताना दिसत नाहीत. फक्त आपल्याच लाभासाठी ते वरील सभागृहांमधे जाताना दिसत आहेत. या सभागृहांत जाताना ते लाखो करोडो रूपये खर्च करून जातात आणि तिथे ते आपल्या व आपल्या पोशिंद्या भांडवलदारांचीच कामे करताना दिसत आहेत. सद्यस्थितीत कोणताच विरोधीपक्ष सक्षमपणे काम करताना दिसत नाही. येत्याकाळात जनता सकारात्मक विचाराने एकजूट झाली पाहिजे म्हणून लोकशाहीच्या चौथ्या खांबाने म्हणजे पत्रकारीतेने जनतेप्रती संवेदना जागृत ठेवुन सक्षम विरोधीपक्षाची भुमिका निभावली पाहिजे.

WE ❤️ AHMEDNAGAR

फॉलोअर

किरण डहाळे

जगप्रसिध्द 'नगरी नगरी युट्युब चॅनेल'ला भेट देण्यासाठी 👆🏻 क्लिक करा.

प्रबोधनकार केशव सिताराम ठाकरे यांचे सर्व साहित्य येथे वाचा