आपको बता दें कि हरियाणा के भिवानी जिले में 16 फरवरी को राजस्थान के रहने वाले लोगों की 2 जली लाशें मिली थी. पुलिस जांच में पता चला था कि वो लाशें राजस्थान के गोपालगढ़ घाटमिका गांव के रहने वाले जुनैद और नासिर की थी. पुलिस इंवेस्टिगेशन में सामने आया था कि हरियाणा के कुछ गौरक्षकों ने मिलकर जुनैद और नासिर को किडनैप किया था. बाद में उन दोनों के शव भिवानी के लोहारू में एक बोलेरो में मिले थे. इस मामले में कई गौरक्षकों के नाम सामने आए थे. जिसमें से एक नाम मोनू मानेसर का भी था. हालांकि मोनू मानेसर ने एक वीडियो जारी कर इस घटना में अपना हाथ होने से इंकार कर दिया था.
चार्जशीट में मोनू मानेसर का नाम था शामिल
मामले को लेकर मृतकों के परिजनों की तरफ से मोनू समेत 5 लोगों के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज करवाया गया था. राजस्थान पुलिस की तरफ से 8 आरोपियों की फोटो आरोपियों की फोटो भी जारी की गई थी. जिसमें मोनू मानेसर का नाम नहीं था. लेकिन काफी छानबीन के बाद पुलिस ने 6 जून को कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में मोनू मानेसर का नाम शामिल कर दिया. इसके बाद राजस्थान पुलिस के कागजों में मोनू मानेसर को फरार बताया गया था. तभी से पुलिस मोनू मानेसर की तलाश में जुटी हुई थी.
मोनू मानेसर का असली नाम मोहित यादव है. हरियाणा पुलिस ने पहले उसे हिरासत में लिया और बाद में आधिकारिक तौर पर गिरफ्तार कर लिया. एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ममता सिंह ने पुष्टि की है.
मोनू मानेसर को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. बजरंग दल के मोनू मानेसर को हरियाणा पुलिस द्वारा हिरासत में लेने के बाद अधिकारिक तौर पर गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद नूंह में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ममता सिंह के मुताबिक अगस्त के महीने में मोनू मानेसर ने सोशल मीडिया पर एक भड़काऊ पोस्ट डाली थी. इस मामले में नूंह पुलिस ने मोनू मानेसर को गिरफ्तार कर लिया.
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