सर सैयद मोहम्मद सादुल्लाह 26 नवम्बर 1949 संविधान निर्माताओं में से एक

26 नवंबर हमारे देश का संविधान दिवस है  संविधान सभा की ड्राफ्ट कमेटी के अध्यक्ष डाक्टर भीमराव अम्बेडकर साहब ने  26 नवंबर 1949 को संविधान तैयार कर उसे राष्ट्रपति डाक्टर राजेंद्र प्रसाद को सौंप दिया था इस अवसर पर प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू , ग्रह मंत्री सरदार पटेल और शिक्षा मंत्री मौलाना आज़ाद भी उपस्थित थे, 
संविधान तैयार करने वाली सात सदस्यीय समिति में एक सर सैयद मोहम्मद सादुल्लाह साहब भी थे जिन्होंने संविधान तैयार कराने में बड़ी मेहनत की विशेष रूप से  अनुसूचित जनजाति आरक्षण के मामले में,
कुछ आदिवासी जातियों को अंग्रेज क्रिमिनल ट्राइब कहते थे और उन्हें बहुत सी सुविधाओं से वंचित कर रखा था आजादी के बाद संविधान बनाते समय भी कुछ नेता इन्हें वंचित ही रखना चाहते थे यहां तक कि उन्हें वोट देने का अधिकार भी देने के पक्ष में नहीं थे  उन नेताओं में डाक्टर अम्बेडकर और नेहरू जी भी थे ऐसे समय में जयपाल मुंडा ने उनके विरुद्ध जम कर आवाज़ बुलंद की और उनका साथ देने वालों में सर सैयद मोहम्मद सादुल्लाह साहब सबसे आगे थे, 

सर सैयद मोहम्मद सादुल्लाह साहब कौन थे 
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सर सैयद मोहम्मद सादुल्लाह साहब को देश ने भुला दिया और अफसोस हम मुसलमान भी उनका जिक्र नहीं करते हमें सरकार से शिकायत है कि मुस्लिम नेताओं को याद नहीं करती जबकि हम खुद भी वही कर रहे हैं,

सर सैयद मोहम्मद सादुल्लाह साहब का जन्म 21 मई 1885 को गोहाटी में हुआ था  उन्होंने सोनाराम हाई स्कूल गोहाटी से इंटर की परीक्षा पास की और उच्च शिक्षा के लिए प्रेसिडेंसी कालेज कलकत्ता में प्रवेश किया  , 1906  में वहां से केमिस्ट्री में मास्टर डिग्री हासिल की 1907 में काटन कालेज गोहाटी में अस्सिटेंट लेक्चरर मुकर्रर हुए 1909  में लेक्चरर का पद छोड़ कर वकालत शुरू की 1909 से 1919 तक गोहाटी बार काउंसिल के सदस्य रहे उसके बाद कलकत्ता हाईकोर्ट चले गए और 1924 तक वहां वकालत की, 

फिर राजनीति में आए और 1923 में असम के विधायक चुने गए जीतने के बाद इन्हें 1924 में इन्हें असम का शिक्षा मंत्री बनाया गया 1929 तक यह शिक्षा मंत्री रहे उसके बाद इन्होंने विभिन्न आयोगों की अध्यक्षता की 1938 में वह असम के प्रधानमंत्री चुने गए 1942 तक यह असम राज्य के प्रधानमंत्री रहे उसके बाद अपने मित्र मोहम्मद अली जिन्ना की अपील पर मुस्लिम लीग में शामिल हो गए और इन्हें असम असेम्बली में मुस्लिम लीग का नेता चुना गया 1946 में इन्हें संविधान सभा में चुना गया यह देश के बंटवारे के हक में नहीं थे इस लिए मुस्लिम लीग से इस्तीफा दे दिया,

संविधान सभा में जब डाक्टर अम्बेडकर जी की अध्यक्षता में संविधान निर्माण समिति बनी तो इन्हें भी उसका सदस्य बनाया गया इन्होंने आपना काम बड़ी लगन से किया जिसका सबूत संविधान सभा में की गई इनकी तकरीरें हैं,
 
8 जनवरी 1955 में इनका इंतेकाल हो गया

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किरण डहाळे

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